Lajja Book by Taslima Nasrin - Summary
लज्जा, तसलीमा नसरीन द्वारा लिखी गई एक महत्वपूर्ण और चर्चित बंगाली उपन्यास है, जो बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर होने वाले भेदभाव और अत्याचार को रोशनी में लाती है। यह उपन्यास बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद हिंदू परिवारों को झेलने पड़े हमलों की कहानी सुनाता है। लज्जा ने बांग्लादेश समेत कई देशों में बड़ा विवाद उत्पन्न किया। इस पुस्तक पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया, और तसलीमा नसरीन को अपनी सुरक्षा के लिए देश छोड़ना पड़ा।
1992 में अयोध्या, भारत में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर बुरी तरह हमले शुरू होते हैं। इन खतरनाक हमलों से बचने के लिए कई हिंदू परिवारों को अपना देश छोड़ने में मजबूरी होती है।
लज्जा किताब कहानी
उपन्यास की शुरुआत बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ते हमलों से होती है। दत्ता परिवार, जिसमें सुधामय, उनकी पत्नी किरणमयी, बेटा सुरंजन और बेटी माया शामिल हैं, इन हमलों का शिकार होते हैं। सुधामय और किरणमयी अपने देश के प्रति वफादार हैं और इसे छोड़ने का विचार भी उनके लिए डरावना है। वहीं, सुरंजन अपने देश के प्रति गहरी वफादारी बनाये रखता है और बांग्लादेश छोड़ने से दृढ़ता से इनकार करता है।
माया, जो धार्मिक उन्माद का शिकार होती है, अचानक गायब हो जाती है, और सुरंजन उसकी खोज में जुट जाता है। इस खोज के दौरान, वह अपने देश के समाज और राजनीति की कड़वी सच्चाइयों को समझने लग जाता है। अंततः, सुधामय और किरणमयी को अपने बेटे को समझाना पड़ता है कि उनकी सुरक्षा के लिए बांग्लादेश छोड़ना सबसे सही फैसला होगा।
मुख्य थीम्स
- धार्मिक असहिष्णुता: उपन्यास में हिंदू अल्पसंख्यकों की उपेक्षा और हिंसा को संवेदनशीलता से दर्शाया गया है।
- राष्ट्रीयता और पहचान: यह कहानी व्यक्तिगत और राष्ट्रीय पहचान के संघर्ष को अच्छी तरह से प्रदर्शित करती है।
- महिलाओं पर हिंसा: उपन्यास में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अत्याचारों को प्रमुखता से उजागर किया गया है।
परिभाषित मुद्दों और भावनाओं को समझने के लिए ‘लज्जा’ एक महत्वपूर्ण पढ़ाई है, जो हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि सामाजिक सहिष्णुता कितनी महत्वपूर्ण है। इस अद्भुत कथा को एकत्रित कर आप इसे यहाँ PDF में डाउनलोड करें और इसके मुद्दों पर गहराई से विचार करें।