बृहस्पति कवच – Brihaspati Kavacham - Summary
बृहस्पति कवच PDF गुरु बृहस्पति देव को समर्पित एक शक्तिशाली स्तोत्र है। इसका उपयोग वे लोग कर सकते हैं जिनकी कुंडली में बृहस्पति की महादशा या अंतर्दशा चल रही है। गुरुवार का दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और देवों के गुरु बृहस्पति देव के लिए विशेष रूप से समर्पित है। इस दिन विधि विधान से भगवान विष्णु और बृहस्पति देव की पूजा-अर्चना की जाती है।
शास्त्रों में बताया गया है कि बृहस्पति कवच का पाठ गुरुवार या हर रोज़ करने से आपको मनचाहा फल प्राप्त होता है। यह कुंडली में बने विपरीत गुरु ग्रह योग व दशा को भी शुभ बना देता है।
बृहस्पति कवच स्तोत्र लिरिक्स / Brihaspati Kavacham
श्रीगणेशाय नमः ।
अस्य श्रीबृहस्पतिकवचस्तोत्रमन्त्रस्य ईश्वर ऋषिः,
अनुष्टुप् छन्दः, गुरुर्देवता, गं बीजं, श्रीशक्तिः,
क्लीं कीलकं, गुरुप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
अभीष्टफलदं देवं सर्वज्ञं सुरपूजितम् ।
अक्षमालाधरं शान्तं प्रणमामि बृहस्पतिम् ॥ १॥
बृहस्पतिः शिरः पातु ललाटं पातु मे गुरुः ।
कर्णौ सुरगुरुः पातु नेत्रे मेऽभीष्टदायकः ॥ २॥
जिह्वां पातु सुराचार्यो नासां मे वेदपारगः ।
मुखं मे पातु सर्वज्ञो कण्ठं मे देवतागुरुः ॥ ३॥
भुजावाङ्गिरसः पातु करौ पातु शुभप्रदः ।
स्तनौ मे पातु वागीशः कुक्षिं मे शुभलक्षणः ॥ ४॥
नाभिं देवगुरुः पातु मध्यं पातु सुखप्रदः ।
कटिं पातु जगद्वन्द्य ऊरू मे पातु वाक्पतिः ॥ ५॥
जानुजङ्घे सुराचार्यो पादौ विश्वात्मकस्तथा ।
अन्यानि यानि चाङ्गानि रक्षेन्मे सर्वतो गुरुः ॥ ६॥
इत्येतत्कवचं दिव्यं त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः ।
सर्वान्कामानवाप्नोति सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७॥
॥ इति श्रीब्रह्मयामलोक्तं बृहस्पतिकवचं सम्पूर्णम् ॥
बृहस्पति कवच पाठ करने के लाभ
- बृहस्पति कवच का पाठ करने से जातक को बृहस्पति की महादशा तथा अंतर्दशा में लाभ होता है।
- इस कवच के नियमित पाठ से विवाह संबंधी समस्याओं का निवारण होता है।
- बृहस्पति कवच का दैनिक पाठ करने से घर में धन-धान्य की पूर्ति होती है।
- यदि आपकी कुंडली में बृहस्पति दुर्बल है, तो इसका पाठ करने से लाभ होता है।
- बृहस्पति कवच के प्रभाव से हाथ में गुरु पर्वत प्रबल होता है।
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके बृहस्पति कवच PDF | Brihaspati Kavacham PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।