Sangya ke Bhed - Summary
किसी व्यक्ति, गुण, प्राणी व जाति, स्थान (जगह), वस्तु, क्रिया और भाव आदि के नाम को संज्ञा कहा जाता है। जैसे – पशु, पक्षी, मानव (जाति व प्राणी), दिल्ली, मंदिर (स्थान व जगह), दादा, दादी, सुरेश, रमेश (व्यक्ति), पेन, किताब, साइकिल (वस्तु), हँसना, रोना, गाना (भाव), सुन्दर, साफ सुथरा (गुण), भागना, खाना, मारना-पीटना (क्रिया)।
उदाहरण – रमेश परीक्षा में प्रथम आया था। इसलिए वह दौड़ता हुआ स्कूल से घर पंहुचा, इस बात से वह बहुत खुश था। उसने यह बात अपने माता-पिता को बताई। यह समाचार सुन वह इतने आनंदित हुए कि उन्होंने उसे गले लगा लिया।
इन पंक्तियों में खुश, आनंदित (भाव), रमेश, माता-पिता (व्यक्ति), स्कूल, घर (स्थान), सुन, गले (क्रिया) आदि संज्ञा प्रयुक्त हुई हैं।
संज्ञा के भेद (Noun Types)
संज्ञा के तीन भेद (प्रकार) होते हैं – जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा।
हालांकि, अंग्रेजी व्याकरण के प्रभाव से कुछ विद्वान संज्ञा के दो भेद (प्रकार) और भी मानते हैं – समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा और द्रव्यवाचक संज्ञा।
इस प्रकार, संज्ञा के कुल पांच भेद (प्रकार) होते हैं:
1. जातिवाचक संज्ञा,
2. भाववाचक संज्ञा,
3. व्यक्तिवाचक संज्ञा,
4. समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा,
5. द्रव्यवाचक संज्ञा।
1. जातिवाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी जाति का सम्पूर्ण बोध होता है, यह उसकी पूरी श्रेणी और पूर्ण वर्ग का ज्ञान भी देता है। इस संज्ञा शब्द को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – वस्तु: मोटर साइकिल, कार, टीवी, मोबाइल आदि। स्थान: पहाड़, तालाब, गाँव, मंदिर आदि। प्राणी: लड़का, लड़की, घोड़ा, शेर आदि।
2. भाववाचक संज्ञा
जिस शब्द से किसी वस्तु, पदार्थ या प्राणी की दशा, उसकी स्थिति और भाव का पता चलता है, उस संज्ञा शब्द को भाववाचक संज्ञा शब्द कहते हैं।
जैसे – गर्मी, सर्दी, बुढ़ापा, जवानी, मिठास, खटास, थकान, ताजगी आदि।
3. व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिस संज्ञा शब्द से किसी विशेष स्थान, वस्तु या व्यक्ति के नाम का पता चलता है, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – स्थान: भारत, दिल्ली, गोवा, अमेरिका, अमृतसर आदि। व्यक्ति: महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सचिन तेंदुलकर, कल्पना चावला आदि। वस्तु: रामायण, महाभारत, ऋग्वेद, रामचरितमानस आदि।
4. समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा
जो शब्द किसी विशिष्ट या एक ही वस्तुओं के समूह या वर्ग व जाति के समूह को दर्शाते हैं, वे समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा कहलाते हैं।
जैसे – गेहूं का ढेर, लकड़ी का गट्ठर, विद्यार्थियों का समूह।
यहाँ ढेर, गट्ठर और समूह शब्द किसी न किसी व्यक्ति व वस्तु के समूह को दर्शा रहे हैं। अतः ये शब्द समुदायवाचक या समूहवाचक संज्ञा हैं।
जैसे – सेना, सभा, इंसान, पुस्तक, झुण्ड आदि।
5. द्रव्यवाचक संज्ञा
जो शब्द किसी पदार्थ, धातु और द्रव्य को दर्शाते हैं, उन शब्दों को द्रव्यवाचक संज्ञा कहा जाता है।
जैसे – गेहू, तेल, पानी, दूध, दही, लोहा, तांबा, सोना, आटा, दाल आदि।
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