Aarti Dnyanraja – आरती ज्ञानराजा in Marathi
आरती ज्ञानराजा ‘संत (संत) ज्ञानेश्वर की पारंपरिक आरती है। वह तेरहवीं शताब्दी के हिंदू कवि, दार्शनिक और योगी थे। संत ज्ञानेश्वर को ज्ञानदेव/मौली के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें ज्ञानेश्वरी लिखने के लिए जाना जाता है जो भगवद गीता का एक सरल रूप है। ज्ञानेश्वर का जन्म 1275...
Aarti in Punjabi in Punjabi
ਧਨਾਸਰੀ ਮਹਲਾ ੧ ਆਰਤੀ धनासरी महला १ आरती Dhanaasaree mahalaa 1 aaratee Dhanaasaree, First Mehl, Aartee: ੴ ਸਤਿਗੁਰ ਪ੍ਰਸਾਦਿ ॥ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ Ik-oamkkaari satigur prsaadi || One Universal Creator God. By The Grace Of The True Guru: ਗਗਨ ਮੈ ਥਾਲੁ ਰਵਿ ਚੰਦੁ ਦੀਪਕ ਬਨੇ ਤਾਰਿਕਾ ਮੰਡਲ ਜਨਕ ਮੋਤੀ...
Bajrang Baan – सम्पूर्ण बजरंग बाण पाठ in Hindi
बजरंग बाण पाठ (Bajrang Baan Paath) – बजरंग बली श्री हनुमान का जप करने वाले लोगों से सभी प्रकार के दुख दर्द दूर रहते हैं और वो हर प्रकार के भाय से मुक्त रहते हैं। कुछ लोग बजरंग बली को प्रसन्न रखने के लिए श्री हनुमान चालीसा का जाप करते...
Balopasana Marathi in Marathi
बाळगोपाळांनो रोज़ सकाळी अंघोळ झाली की तुम्ही या बालोपासनेतिल प्रार्थना म्हणा, म्हणजे तुमचे मन अत्यंत उत्साही बनेल .त्यावर जर शाळेतील अभ्यास केला तर तो पूर्ण तुमच्या लक्षात राहिल आणि तुम्ही परीक्षेत नक्की पास व्हाल.मात्र प्रार्थना दररोज व नियमित केली पाहिजे वडील माणसांच्या धाकने कपाळाला आठ्या घालून प्राथना केल्यास ती देवाला...
Brahmacharini Mata Aarti Lyrics in Hindi
ब्रह्माचारिणी माता की पूजा नवरात्रि के दूसरे दिन की जाति हैं। ये देवी भी हर मनाकामना करती है। कहते हैं इस दिन कुंडलिनी शक्तियों को जागृत करने के लिए भी साधना की जाती है। माँ दुर्गा का ये दूसरा स्वरूप भक्तों और सिद्धों को शुभ और अनंत फल देने वाला...
Braj 84 Kos Yatra List
यह ब्रज यात्रा मथुरा, मधुवन, अड़ीग, राधाकुंड, गोवर्धन, डीग, आदिबद्री, केदारनाथ, काम्यवन, बरसाना, नंदगांव, होडल, शेषशायी, कोसीकलां, मांटवन, राया, दाऊजी, गोकुल, मथुरा होते हुए वृंदावन मोर कुटी पर आकर समाप्त होगी। ब्रजयात्रा के कुल 24 पड़ाव यात्रा में चौरासी कोस की इस यात्रा में कुल 24 पड़ाव होते है। सबसे...
Chandraghanta Mata Aarti Lyrics in Hindi
माँ दुर्गाजी की तीसरी शक्ति का नाम चंद्रघंटा है। नवरात्रि उपासना में तीसरे दिन की पूजा का अत्यधिक महत्व है और इस दिन इन्हीं के विग्रह का पूजन-आराधन किया जाता है। इस दिन साधक का मन ‘मणिपूर’ चक्र में प्रविष्ट होता है। माँ चंद्रघंटा की उत्पत्ति कथा बेहत रमणीय है।...