नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय स्तुति – Nagendra Haraya Trilochanaya Sanskrit PDF

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नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय स्तुति – Nagendra Haraya Trilochanaya - Summary

नमस्कार दोस्तों! आज हम भक्तों की सहायता के लिए नागेंद्रहराय त्रिलोचनाय PDF साझा कर रहे हैं। यदि आप Nagendra Haraya Trilochanaya Lyrics को संस्कृत में खोज रहे हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं और इस पृष्ठ के नीचे दिए गए लिंक से PDF डाउनलोड कर सकते हैं। इस नागेंद्रहराय त्रिलोचनाय में शिव जी के पंचाक्षरी मंत्र (ॐ नमः शिवाय) के पवित्र अक्षरों (न-म-शि-वा-य) का विस्तृत वर्णन किया गया है।

नागेंद्रहराय त्रिलोचनाय का जाप करने से मनुष्य के जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और उनका जीवन सुख और समृद्धि से भर जाता है। यह एक अद्भुत और लाभकारी स्तोत्र है। इस स्तोत्र की रचना महान विद्वान् श्री आदि शंकराचार्य जी ने की थी, जिन्होंने अनेक दिव्य स्त्रोतों की रचना की थी।

Nagendra Haraya Trilochanaya Lyrics – नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय

हिन्दी अनुवाद सहित

नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय ।।

हिन्दी अनुवाद: वे जिनके पास साँपों का राजा उनकी माला के रूप में है, और जिनकी तीन आँखें हैं, जिनके शरीर पर पवित्र राख मली हुई है और जो महान प्रभु हैं,
वे जो शाश्वत हैं, जो पूर्णपवित्र हैं और चारों दिशाओं को अपने वस्त्रों के रूप में धारण करते हैं, उस शिव को नमस्कार, जिन्हें शब्दांश “न” द्वारा दर्शाया गया है।

मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।
मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय ।।

हिन्दी अनुवाद: वे जिनकी पूजा मंदाकिनी नदी के जल से होती है और चंदन का लेप लगाया जाता है, वे जो नंदी और भूतों-पिशाचों के स्वामी हैं, महान भगवान,
वे जो मंदार और कई अन्य फूलों के साथ पूजे जाते हैं, उस शिव को प्रणाम, जिन्हें शब्दांश “म” द्वारा दर्शाया गया है।

शिवाय गौरीवदनाब्जबृंदा सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।
श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नमः शिवाय ।।

हिन्दी अनुवाद: वे जो शुभ हैं और जो नए उगते सूरज की तरह हैं, जिनसे गौरी का चेहरा खिल उठता है, वे जो दक्ष के यज्ञ के संहारक हैं, जिनका कंठ नीला है, और जिनके प्रतीक के रूप में बैल है,
उस शिव को नमस्कार, जिन्हें शब्दांश “शि” द्वारा दर्शाया गया है।

वशिष्ठकुम्भोद्भवगौतमार्यमूनीन्द्र देवार्चिता शेखराय ।
चन्द्रार्कवैश्वानरलोचनाय तस्मै वकाराय नमः शिवाय ।।

हिन्दी अनुवाद: वे जो श्रेष्ठ और सबसे सम्मानित संतों – वशिष्ट, अगस्त्य और गौतम, और देवताओं द्वारा भी पूजित हैं, और जो ब्रह्मांड का मुकुट हैं,
वे जिनकी चंद्रमा, सूर्य और अग्नि तीन आँखें हों, उस शिव को नमस्कार, जिन्हें शब्दांश “वा” द्वारा दर्शाया गया है।

यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकहस्ताय सनातनाय ।
दिव्याय देवाय दिगम्बराय तस्मै यकाराय नमः शिवाय ।।

हिन्दी अनुवाद: जिनके हाथ में त्रिशूल है और जो शाश्वत हैं, वे जो दिव्य हैं, जो चमकीला हैं, और चारों दिशाएँ जिनके वस्त्र हैं, उस शिव को नमस्कार,
जिन्हें शब्दांश “य” द्वारा दर्शाया गया है।

पञ्चाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेच्छिवसंनिधौ ।
शिवलोकमावाप्नोति शिवेन सह मोदते ।।

हिन्दी अनुवाद: जो शिव के समीप इस पंचाक्षर का पाठ करते हैं, वे शिव के निवास को प्राप्त करेंगे और आनंद लेंगे।

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