माँ शारदे कहा तू बिना बजा रही है प्रार्थना - Summary
माँ शारदे कहा तू बिना बजा रही है प्रार्थना PDF देवी सरस्वती माता की एक बहुत प्रसिद्ध स्तुति है। यह प्रार्थना विशेष रूप से वसंत पंचमी के अवसर पर देवी सरस्वती के समक्ष की जाती है। इसे अक्सर सामूहिक रूप से गाया जाता है, जिससे यह अवसर और भी खास बन जाता है।
देवी सरस्वती को बहुत ही शांत और सौम्य स्वभाव की माता माना जाता है। वह अपने भक्तों के जीवन की सभी शैक्षणिक कठिनाईयों को दूर कर देती हैं। इसके साथ ही, वह उनके बौद्धिक विकास में सहायता भी करती हैं, ताकि भक्त अपने जीवन में उन उपलब्धियों को हासिल कर सकें, जिनकी उन्हें शिक्षा के दौरान आवश्यकता होती है।
Maa Sharde Kaha Tu – माँ शारदे कहा तू
माँ शारदे कहाँ तू,
वीणा बजा रही हैं,
किस मंजु ज्ञान से तू,
जग को लुभा रही हैं ॥
किस भाव में भवानी,
तू मग्न हो रही है,
विनती नहीं हमारी,
क्यों माँ तू सुन रही है।
हम दीन बाल कब से,
विनती सुना रहे हैं,
चरणों में तेरे माता,
हम सर झुका रहे हैं।
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा…॥
अज्ञान तुम हमारा,
माँ शीघ्र दूर कर दो,
द्रुत ज्ञान शुभ्र हम में,
माँ शारदे तू भर दे।
बालक सभी जगत के,
सूत मात हैं तुम्हारे,
प्राणों से प्रिय है हम,
तेरे पुत्र सब दुलारे,
तेरे पुत्र सब दुलारे।
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा…॥
हमको दयामयी तू,
ले गोद में पढ़ाओ,
अमृत जगत का हमको,
माँ ज्ञान का पिलाओ।
मातेश्वरी तू सुन ले,
सुंदर विनय हमारी,
करके दया तू हर ले,
बाधा जगत की सारी।
॥ मां शारदे कहाँ तू, वीणा…॥
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