कमल नेत्र स्तोत्र – Kamal Netra Stotra Hindi PDF

0 People Like This
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp

कमल नेत्र स्तोत्र – Kamal Netra Stotra in Hindi

कमल नेत्र स्तोत्र का पाठ ध्यानपूर्वक करने से व्यक्ति के जीवन में संजीवनी प्राणी की तरह नई ऊर्जा का आगमन होता है। यह स्तोत्र भगवान राम और कृष्ण की कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावकारी माना जाता है और यह भक्तों को संतुष्टि, समृद्धि, और धन की प्राप्ति में मदद करता है।

कमल नेत्र स्तोत्र एक प्रसिद्ध हिन्दू स्तोत्र है जो भगवान राम और कृष्ण की महिमा का गुणगान करता है और उनके प्रति भक्ति और आभार व्यक्त करता है। अगर आप भी कमल नेत्र स्तोत्र का पाठ पीडीऍफ़ फॉर्मेट मैं डाउनलोड करना चाहते है तो निचे दिए गए लिंक से प्राप्त करें

कमल नेत्र स्तोत्र (Kamal Netra Stotra Download Free)

श्री कमल नेत्र कटि पीताम्बर,
अधर मुरली गिरधरम ।
मुकुट कुण्डल कर लकुटिया,
सांवरे राधेवरम ॥

कूल यमुना धेनु आगे,
सकल गोपयन के मन हरम ।
पीत वस्त्र गरुड़ वाहन,
चरण सुख नित सागरम ॥

करत केल कलोल निश दिन,
कुंज भवन उजागरम ।
अजर अमर अडोल निश्चल,
पुरुषोत्तम अपरा परम ॥

दीनानाथ दयाल गिरिधर,
कंस हिरणाकुश हरणम ।
गल फूल भाल विशाल लोचन,
अधिक सुन्दर केशवम ॥

बंशीधर वासुदेव छइया,
बलि छल्यो श्री वामनम ।
जब डूबते गज राख लीनों,
लंक छेद्यो रावनम ॥

सप्त दीप नवखण्ड चौदह,
भवन कीनों एक पदम ।
द्रोपदी की लाज राखी,
कहां लौ उपमा करम ॥

दीनानाथ दयाल पूरण,
करुणा मय करुणा करम ।
कवित्तदास विलास निशदिन,
नाम जप नित नागरम ॥

प्रथम गुरु के चरण बन्दों,
यस्य ज्ञान प्रकाशितम |
आदि विष्णु जुगादि ब्रह्मा,
सेविते शिव संकरम ॥

श्रीकृष्ण केशव कृष्ण केशव,
कृष्ण यदुपति केशवम |
श्रीराम रघुवर, राम रघुवर,
राम रघुवर राघवम ॥

श्रीराम कृष्ण गोविन्द माधव,
वासुदेव श्री वामनम |
मच्छ कच्छ वाराह नरसिंह,
पाहि रघुपति पावनम ||

मथुरा में केशवराय विराजे,
गोकुल बाल मुकुन्द जी ।
श्री वृन्दावन में मदन मोहन,
गोपीनाथ गोविन्द जी ॥

धन्य मथुरा धन्य गोकुल,
जहाँ श्री पति अवतरे ।
धन्य यमुना नीर निर्मल,
ग्वाल बाल सखावरे ॥

नवनीत नागर करत निरन्तर,
शिव विरंचि मन मोहितम |
कालिन्दी तट करत क्रीड़ा,
बाल अदभुत सुन्दरम ॥

ग्वाल बाल सब सखा विराजे,
संग राधे भामिनी ।
बंशीवट तट निकट यमुना,
मुरली की टेर सुहावनी ॥

भज राघवेश रघुवंश उत्तम,
परम राजकुमार जी ।
सीता के पति भक्तन के गति,
जगत प्राण आधार जी ॥

जनक राजा पनक राखी,
धनुष बाण चढ़ावहीं।
सती सीता नाम जाके,
श्री रामचन्द्र प्रणामहीं ॥

जन्म मथुरा खेल गोकुल,
नन्द के हृदि नन्दनम |
बाल लीला पतित पावन,
देवकी वसुदेवकम ॥

श्रीकृष्ण कलिमल हरण जाके,
जो भजे हरिचरण को ।
भक्ति अपनी देव माधव,
भवसागर के तरण को ॥

जगन्नाथ जगदीश स्वामी,
श्री बद्रीनाथ विश्वम्भरम ।
द्वारिका के नाथ श्री पति,
केशवं प्रणमाम्यहम ॥

श्रीकृष्ण अष्टपदपढ़तनिशदिन,
विष्णु लोक सगच्छतम |
श्रीगुरु रामानन्द अवतार स्वामी,
कविदत्त दास समाप्ततम ॥

You can download (कमल नेत्र स्तोत्र) Kamal Netra Stotra in PDF format or read online for free using direct link provided below.

Also Download

Ramcharitmanas Uttar Kand PDF Hindi

Shri Ram Stuti PDF Hindi

कमल नेत्र स्तोत्र – Kamal Netra Stotra PDF Download Free

SEE PDF PREVIEW ❏

REPORT THISIf the download link of कमल नेत्र स्तोत्र – Kamal Netra Stotra PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT on the download page by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If कमल नेत्र स्तोत्र – Kamal Netra Stotra is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Exit mobile version