दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti Hindi

0 People Like This
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp

दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti in Hindi

Durga Mata Aarti (दुर्गा आरती)

नवरात्रि के पावन त्यौहार पर जो भी व्यक्ति माँ दुर्गा की विधिवत् पूजा करता है उस पर मां की कृपा हमेशा बनी रहती है। मां अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उनके सभी दुख हर लेती हैं। नवरात्रि के हर दिन मां के अलग-अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान दुर्गा मां की आरती गाना बेहद जरूरी है।

दुर्गा माँ की आरती करते समय पूजा की थाल में कपूर या फिर गाय के घी का दीपक जलाएं। मां की आरती करते हुए ही भी जरूर बजाएं। आरती गाएं। साथ ही आरती के साथ शंख और घंटी अवश्य बजाएं। अगर आरती के दौरान शंघनाद और घंटी बजाई जाएं तो उनकी ध्वनि से घर के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा का खात्मा हो जाता है।

दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti Lyrics

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत, मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोउ नैना, चन्द्रबदन नीको ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्त पुष्प गलमाला, लाल कुसुम गलमाला, कण्ठन पर साजै ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

केहरि वाहन राजत, खड़ग खप्परधारी ।
सुर नर मुनिजन सेवत, सुर नर मुनिजन ध्यावत, तिनके दुखहारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, सम राजत ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

शुम्भ निशुम्भ विडारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, मधुर विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

चण्ड मुण्ड संघारे, शोणित बीज हरे ।
मधुकैटभ दोउ मारे, मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, तुम शिव पटरानी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

चौसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरू ।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत ढोल मृदंगा, अरु बाजत डमरू ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

तुम हो जग की माता, तुम ही हो भर्ता ।
भक्तन की दुख हरता, संतन की दुख हरता, सुख-सम्पत्ति करता ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

भुजा चार अति शोभित, वर मुद्रा धारी ।
मनवांछित फल पावत, मनइच्छा फल पावत, सेवत नर नारी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत, धोळा गिरी पर राजत, कोटि रतन ज्योति ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

श्री अम्बे जी की आरती, जो कोई नर गावै, मैया प्रेम सहित गावें ।
कहत शिवानन्द स्वामी, रटत हरिहर स्वामी, मनवांछित फल पावै ।।

ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत , मैया जी को सदा मनावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ।।
ॐ जय अम्बे गौरी ।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके (दुर्गा आरती) Durga Aarti PDF मे डाउनलोड कर सकते हैं।

PDF's Related to दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti

दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti PDF Download Free

SEE PDF PREVIEW ❏

REPORT THISIf the download link of दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT on the download page by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If दुर्गा आरती – Durga Mata Aarti is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Exit mobile version