भए प्रगट कृपाला – Bhaye Pragat Kripala Lyrics - Summary
श्री रामावतार स्तुति, भगवान श्रीरामचंद्र के इस धरती पर आगमन की दिव्य अनुभूति को अभिव्यक्त करती है। यह स्तुति नवजात शिशु के जन्म, सोहर, जन्मदिन और अन्य शुभ अवसरों पर विशेष रूप से गाई जाती है और अत्यंत लोकप्रिय है। इसके मधुर शब्दों को सुनने के बाद भक्तजन अन्य किसी गीत की इच्छा अपने मन में नहीं रखते।
“भये प्रगट कृपाला दीनदयाला” की यह अद्वितीय स्तुति भक्तों के हृदय में गहरी छाप छोड़ती है। इसके माध्यम से भक्त प्रभु श्रीराम की असीम कृपा और करुणा का भावपूर्ण स्मरण करते हैं।
भगवान राम की कृपा का अनुभव
श्री राम नवमी के हर्षोल्लास भरे दिन पर भक्त भगवान राम की पूजा करते हैं और इस विशेष अवसर पर भजन “भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी” बड़े ही प्यार और श्रद्धा से गाते हैं। यह भजन सच्चे भक्ति का प्रतीक है और भक्तों को कभी भी निराश नहीं करता।
भये प्रगट कृपाला दीनदयाला स्तुति – Bhaye Pragat Kripala Lyrics Hindi
भये प्प्रगट कृपाला दीन दयाला, कौशिल्या हितकारी ।
हरषित महतारी, मुनि मन हारी, अद्भुत रूप निहारी ॥
लोचन अभिरामा, तनु घनश्यामा, निज आयुध भुजचारी ।
भूषण बन माला, नयन विशाला, शोभा सिंधु खरारी ॥
कह दुइ कर जोरी, स्तुति तोरी, केहि विधि करूं अनंता ।
माया गुण ग्यानातीत अमाना, वेद पुराण भनंता ॥
करुणा सुख सागर, सब गुन आगर, जेहि गावहिं श्रुति संता ।
सो मम हित लागी, जन अनुरागी, प्रकट भये श्रीकंता ॥
ब्रह्मांड निकाया, निर्मित माया, रोम रोम प्रति वेद कहे ।
मम उर सो वासी, यह उपहासी, सुनत धीर मति थिर न रहे ॥
उपजा जब ज्ञाना, प्रभु मुसुकाना, चरित बहुत बिधि कीन्ह चहे ।
कहि कथा सुनाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सुत प्रेम लहे ॥
माता पुनि बोली, सो मति डोली, तजहुँ तात यह रूपा ।
कीजे शिशुलीला, अति प्रियशीला, यह सुख परम अनूपा ॥
सुनि वचन सुजाना, रोदन ठाना, होइ बालक सुरभूपा ।
यह चरित जे गावहिं, हरिपद पावहिं, ते न परहिं भवकूपा ॥
|| दोहा ||
बिप्र धेनु सुर संत हित, लीन्ह मनुज अवतार ।
निज इच्छा निर्मित तनु, माया गुन गो पार ॥
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