Bhartrihari Shatak - Summary
भर्तृहरि शतक (Bhartrihari Shatak), एक प्रसिद्ध संस्कृत साहित्य का संग्रह है जिसमें तीन सौ सोचविचार के छंद या श्लोक शामिल हैं, जिन्हें भारतीय दार्शनिक और कवि भर्तृहरि के नाम से जाना जाता है। यह रचना संस्कृत साहित्य के श्रेष्ठ कृतियों में से एक मानी जाती है। भर्तृहरि को लगभग ५वीं शताब्दी में जन्म लेने का माना जाता है और वे दार्शनिकता, व्याकरण और काव्य में प्रमुख विद्वान थे।
Bhartrihari Shatak (भर्तृहरि शतक)
भर्तृहरि शतक में मनुष्य की भावनाओं, जीवन की अनित्यता, ज्ञान की प्राप्ति, प्रेम और मानसिक उलझनों के विषयों पर विचारशील छंदों का समावेश है। भर्तृहरि शतक के श्लोक बहुत ही दार्शनिक और विचारयुक्त हैं, जो मानवीय अस्तित्व और मनुष्य के जीवन की गहराईयों में गहरी समझ प्रदान करते हैं। इनमें सुंदरता और काव्यता से भरी हुई है, जिससे यह ज्ञान और विचार का एक अमर संग्रह बन गया है।
भारतीय साहित्य और दर्शन के प्रेमी इन भर्तृहरि शतक के अध्ययन और व्याख्यान को महत्वपूर्ण मानते हैं, इसके अध्ययन से उन्हें जीवन की उत्कटताओं और मानसिक संघर्षों का अनुभव होता है। यह आज भी उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो जीवन की जटिलताओं को समझने और उन्हें अच्छी तरह से समाधान करने की तलाश में हैं।
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