महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र – Mahakal Shani Mrityunjaya Stotra - Summary
महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र – Mahakal Shani Mrityunjaya Stotra
हैलो दोस्तों! आज हम आपके लिए लेकर आये हैं महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पीडीएफ, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। यदि आप Mahakal Shani Mrityunjaya Stotra PDF डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। इस लेख में हम आपको देंगे महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र के बारे में सम्पूर्ण जानकारी। महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र एक बहुत ही गुप्त और चमत्कारी स्तोत्र है।
महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र की महिमा
महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का नियमित पाठ करने से जातक की अकाल मृत्यु, शारीरिक और मानसिक कष्ट, सुख-संपत्ति और संतान सुख प्राप्त होता है। इस स्तोत्र का पाठ करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि यह पूर्णतः वैदिक और सिद्ध स्तोत्र है। इसलिए इसके उच्चारण में किसी प्रकार की अशुद्धता नहीं होनी चाहिए। 😊
शनि मृत्युंजय स्तोत्र – Mahakal Shani Mrityunjaya Stotra Lyrics
अथ शनैश्चरमृत्युञ्जयस्तोत्रम् ।
विनियोगः-
ओं अस्य श्री महाकाल शनि मृत्युञ्जयस्तोत्रमन्त्रस्य पिप्लाद
ऋषिरनुष्टुप्छन्दो महाकाल शनिर्देवता शं बीजं मायसी शक्तिः काल
पुरुषायेति कीलकं मम अकाल अपमृत्यु निवारणार्थे पाठे विनियोगः ।
श्री गणेशाय नमः ।
ओं महाकाल शनि मृत्युञ्जायाय नमः ।
नीलाद्रीशोभाञ्चितदिव्यमूर्तिः खड्गो त्रिदण्डी शरचापहस्तः ।
शम्भुर्महाकालशनिः पुरारिर्जयत्यशेषासुरनाशकारी ॥ १
मेरुपृष्ठे समासीनं सामरस्ये स्थितं शिवम् ।
प्रणम्य शिरसा गौरी पृच्छतिस्म जगद्धितम् ॥ २॥
पार्वत्युवाच –
भगवन् ! देवदेवेश ! भक्तानुग्रहकारक ! ।
अल्पमृत्युविनाशाय यत्त्वया पूर्व सूचितम् ॥ ३॥
तदेवत्वं महाबाहो ! लोकानां हितकारकम् ।
तव मूर्ति प्रभेदस्य महाकालस्य साम्प्रतम् ॥ ४॥
शनेर्मृत्युञ्जयस्तोत्रं ब्रूहि मे नेत्रजन्मनः ।
अकाल मृत्युहरणमपमृत्यु निवारणम् ॥ ५॥
शनिमन्त्रप्रभेदा ये तैर्युक्तं यत्स्तवं शुभम् ।
प्रतिनाम चथुर्यन्तं नमोन्तं मनुनायुतम् ॥ ६॥
श्रीशङ्कर उवाच –
नित्ये प्रियतमे गौरि सर्वलोक-हितेरते ।
गुह्याद्गुह्यतमं दिव्यं सर्वलोकोपकारकम् ॥ ७॥
शनिमृत्युञ्जयस्तोत्रं प्रवक्ष्यामि तवऽधुना ।
सर्वमङ्गलमाङ्गल्यं सर्वशत्रु विमर्दनम् ॥ ८॥
सर्वरोगप्रशमनं सर्वापद्विनिवारणम् ।
शरीरारोग्यकरणमायुर्वृद्धिकरं नृणाम् ॥ ९॥
यदि भक्तासि मे गौरी गोपनीयं प्रयत्नतः ।
गोपितं सर्वतन्त्रेषु तच्छ्रणुष्व महेश्वरी ! ॥ १०॥
(यहाँ हमने शनि मृत्युंजय स्तोत्र के कुछ श्लोक दिए हैं आप सम्पूर्ण महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र पढ़ने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड लिंक से शनि मृत्युंजय स्तोत्र PDF प्राप्त कर सकते हैं।)
महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र पाठ के लाभ
महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करते समय ध्यान रखने वाली बातें और उसे होने वाले लाभ:
- महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करते समय उच्चारण शुद्ध रखना चाहिए ताकि इसका पूर्ण प्रभाव हो सके।
- इसका प्रति शनिवार पाठ करना चाहिए, इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।
- शनि मृत्युंजय स्तोत्र का पाठ करने के बाद शनि देव को तेल अवश्य चढ़ाएं, इससे आपके ऊपर से सभी प्रकार के संकट टल जाएंगे।
- इस स्तोत्र का पाठ करने के पश्चात छायादान भी करना चाहिए। ऐसा करने से आप अकाल मृत्यु से बच सकते हैं।
- इसका पाठ करते समय मन में बुरे विचार न लाएं, अन्यथा शनि देव क्रोधित हो सकते हैं।
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके महाकाल शनि मृत्युंजय स्तोत्र | Mahakal Shani Mrityunjaya Stotra PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।