56 Bhog List - Summary
भगवान कृष्ण को छप्पन भोग (Chappan Bhog) लगाने की परंपरा रही है। भगवान के इस भोग को अन्नकूट भी कहा जाता है। कहा जाता है कि मुरलीधर को छप्पन भोग में ऐसे खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है जिन्हें वर्षाकाल में खाना निषेध माना जाता है। छप्पन भोग को लेकर पुराणों में कई कथाएं प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार अन्नकूट (Annakut)की परंपरा देवराज इंद्र के घमंड से संबंधित है।
भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन की पूजा किए जाने से देवराज इंद्र नाराज हो गए थे। बाद में जब उन्हें श्रीकृष्ण का साक्षात परमेश्वर होने का भान हुआ तो उन्होंने क्षमा याचना की। इस बीच 7 दिनों तक श्रीकृष्ण निराहार रहे थे। श्रीकृष्ण शास्त्रोक्त मान्यता है कि माता यशोदा बाल गोपाल को दिन में 8 पहर भोजन करवाती थी अर्थात श्रीकृष्ण आठ प्रहर में 8 बार भोजन ग्रहण करते थे।
56 Bhog List – छप्पन भोग सूची
S.No | भोग सूची |
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1 | भक्त (भात) |
2 | सूप (दाल) |
3 | प्रलेह (चटनी) |
4 | अवलेह (शरबत) |
5 | बालका (बाटी) |
6 | इक्षु खेरिणी (मुरब्बा) |
7 | सदिका (कढ़ी) |
8 | दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी) |
9 | सिखरिणी (सिखरन) |
10 | त्रिकोण (शर्करा युक्त) |
11 | परिष्टश्च (पूरी) |
12 | शतपत्र (खजला) |
13 | सधिद्रक (घेवर) |
14 | बटक (बड़ा) |
15 | मधु शीर्षक (मठरी) |
16 | फेणिका (फेनी) |
17 | कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी) |
18 | चिल्डिका (चोला) |
19 | सुधाकुंडलिका (जलेबी) |
20 | धृतपूर (मेसू) |
21 | वायुपूर (रसगुल्ला) |
22 | चन्द्रकला (पगी हुई) |
23 | दधि (महारायता) |
24 | स्थूली (थूली) |
25 | चक्राम (मालपुआ) |
26 | खंड मंडल (खुरमा) |
27 | गोधूम (दलिया) |
28 | परिखा |
29 | सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त) |
30 | दधिरूप (बिलसारू) |
31 | मोदक (लड्डू) |
32 | शाक (साग) |
33 | सौधान (अधानौ अचार) |
34 | मंडका (मोठ) |
35 | पायस (खीर) |
36 | दधि (दही) |
37 | गोघृत (गाय का घी) |
38 | हैयंगपीनम (मक्खन) |
39 | मंडूरी (मलाई) |
40 | कूपिका (रबड़ी) |
41 | पर्पट (पापड़) |
42 | शक्तिका (सीरा) |
43 | लसिका (लस्सी) |
44 | सुवत |
45 | संघाय (मोहन) |
46 | सुफला (सुपारी) |
47 | सिता (इलायची) |
48 | फल |
49 | तांबूल |
50 | मोहन भोग |
51 | लवण |
52 | कषाय |
53 | मधुर |
54 | तिक्त |
55 | कटु |
56 | अम्ल |
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