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Agastya Sanhita (अगस्त्य संहिता) in Hindi
अगस्त्य संहिता प्राचीन ऋषि अगस्त्य को जिम्मेदार संस्कृत पाठ में कई कार्यों का शीर्षक है। पंचरात्रगाम की एक संहिता अगस्त्य संहिता है, जो अगस्त्य द्वारा निर्धारित राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की पूजा के बारे में है। इसे अगस्त्य-सुतीक्ष-संवाद के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह ऋषियों सुतीक्ष...
Atharva Veda (अथर्ववेद) in Hindi
अथर्ववेद से आयुर्वेद में विश्वास किया जाने लगा था। अनेक प्रकार की चिकित्सा पद्धतियों का वर्णन अथर्ववेद में है। अथर्ववेद गृहस्थाश्रम के अंदर पति-पत्नी के कर्त्तव्यों तथा विवाह के नियमों, मान-मर्यादाओं का उत्तम विवेचन करता है। अथर्ववेद में ब्रह्म की उपासना संबन्धी बहुत से मन्त्र हैं। वाचस्पति, पर्जन्य, आप:, इंद्र,...
Durga Suktam – दुर्गा सूक्तम in Sanskrit
दुर्गा सूक्तम अत्यधिक प्रभावी स्तोत्र है जिसका शुद्ध भक्ति के साथ पाठ करना चाहिए क्योंकि देवी दुर्गा माँ हमेशा अपने भक्तों पर कृपा करती हैं। यदि आप अपने जीवन के हर पहलू में असफलता का सामना कर रहे हैं और समस्या का उचित समाधान नहीं मिल रहा है तो आपको...
Laxmi Chalisa Aarti (लक्ष्मी चालीसा, स्तुति, स्तोत्र, और आरती) in Hindi
श्री लक्ष्मी चालीसा इन हिन्दी PDF (Laxmi Chalisa) हिन्दी अनुवाद सहित: प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन लक्ष्मी पूजन करने का विधान है। इस दिन भगवान श्रीराम रावण का वध करके लंका विजय प्राप्त करके अयोध्या लौटे थे। इसी दिन भगवान विष्णु ने दैत्यराज बलि की कैद से लक्ष्मी...
Pitru Suktam Path in Sanskrit
धार्मिक पुराणों के अनुसार पितृ-सूक्तम् अत्यंत चमत्कारी मंत्र पाठ है जिससे आप अपने ऊपर चल रहे पितृदोष को खत्म कर सकते हैं। यह पाठ शुभ फल प्रदान करने वाला सभी के लिए लाभदायी है। अमावस्या हो या पूर्णिमा अथवा श्राद्ध पक्ष के दिनों में संध्या के समय तेल का दीपक...
Purusha Suktam Gita Press
पुरुषसूक्त ऋग्वेद संहिता के दसवें मण्डल का एक प्रमुख सूक्त यानि मंत्र संग्रह (10.90) है, जिसमे पुरुष की चर्चा हुई है और उसके अंगों का वर्णन है। इसको वैदिक ईश्वर का स्वरूप मानते हैैं । विभिन्न अंगों में चारों वर्णों, मन, प्राण, नेत्र इत्यादि की बातें कहीं गई हैैं।श्री पुरुष सूक्तम्...
Rudrashtadhyayi – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ in Hindi
रुद्राष्टाध्यायी इसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहते हैं। रुद्राष्टाध्यायी दो शब्द रुद्र [1] अर्थात् शिव और अष्टाध्यायी अर्थात् आठ अध्यायों वाला, इन आठ अध्यायों में शिव समाए हैं। वैसे तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय हैं परंतु आठ तक को ही मुख्य माना जाता है। से तो रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस...
Shri Suktam in Sanskrit
Shree Suktam ॐ हिरण्यवर्णाम हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्। चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥१॥ तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्। यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम्॥२॥ अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम्। श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मादेवी जुषताम्॥३॥ कांसोस्मितां हिरण्यप्राकारां आद्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्। पद्मेस्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वयेश्रियम्॥४॥ चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियंलोके देव जुष्टामुदाराम्। तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां...